सोमवार शाम में कोरोना वैक्सीन तैयार होने की खबर ने पूरी दुनिया को राहत दी है और अब हर किसी को लगने लगा है कि इस जानलेवा कोरोना वायरस का अंत नजदीक आ गया है। बता दें कि पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के 3 दमदार टीके लगभग तैयार हो चुके हैं और ये तीनों ही ट्रायल के अंतिम चरण में आ चुके हैं। जिस देश में सबसे पहले ये महामारी फैली उनके वैज्ञानिकों को इस वायरस के टीके तैयार करने के लिए ज्यादा सैंपल मिले इसीलिए चीनी वैज्ञानिक कोरोना वायरस के टीके बनाने की दौड़ में सबसे आगे हैं। चीनी दवा कंपनी सिनोवैक बायोटेक ने खाड़ी देशों समेत दुनिया के कई अन्य देशों में अपने वैक्सीन का सफल ट्रायल कर लिया है। देखा जाये तो चीनी कंपनी कोरोना वैक्सीन तैयार करने के बेहद करीब मानी जा रही है। चीन की कंपनी अपने अंतिम ट्रायल ब्राजील और बांग्लादेश में भी करना शुरू कर चुकी है।
ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड युनिवर्सिटी “आस्ट्राजेनेका” नाम के टिके पर काम कर रही है। ये वही टीका है जिसके बारे में सोमवार को पता चला है। इस टीके का इंसानों पर सफल परीक्षण भी हो चुका है और आखिरी चरण के ट्रायल में इस टीके को ज्यादा समय नहीं लगेगा। ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने इस टीके के अंतिम चरण के ट्रायल दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में करने का फैसला किया है। ऑस्ट्रेलिया स्थित युनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न भी टिके बनाने की कड़ी में आगे नजर आ रहा है। यहां के वैज्ञानिकों ने सौ साल पुरानी टीबी की दवा से कोरोना वायरस का वैक्सीन तैयार कर लिया है। यह टीका शरीर के अंदर कोरोना वायरस के खिलाफ इम्युनिटी को जबरदस्त तरीके से बढ़ाने में सफल हुआ है लेकिन यह टीका कोरोना वायरस से सीधे लड़ने में मददगार साबित नहीं हुआ है। इस टीके के अंतिम चरण के ट्रायल भी शुरू हो चुके हैं। वैज्ञानिकों के हिसाब से अगस्त के अंतिम हफ्ते या सितंबर के पहले वीक तक यह टीके आम लोगों के लिए उपलब्ध होने की उम्मीद है।