भगवान् शिव के प्रिय श्रावण मास की शुरुआत हो चुकी है। श्रावण मास की शुरुआत होते ही भक्त शिव की भक्ति में झूम उठते हैं। श्रावण मास एक त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। लोग अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए भगवान् शिव शंकर की भक्ति में लीन हो जाते हैं। श्रावण मास और शिव में काफी गहरा सम्बन्ध है। माता पार्वती ने पति के रूप में भगवान् शिव को पाने के लिए श्रावण महीने में काफी कठोर व्रत रखा था। इस कठोर व्रत तपस्या के बाद उन्हें भगवान शिव की पति के रूप में प्राप्ति हुई। इसीलिए सावन का महीना भगवन शिव को अति प्रिय है। ऐसा मानना है कि सावन के महीने में भोलेनाथ की पूजा करने से वो जल्द प्रसन्न होते हैं इसलिए श्रावण महीने में लोग शिव का व्रत रखते हैं और उन्हें प्रसन्न करने में जुट जाते हैं। इस महीने में भगवान शिव के साथ-साथ माता पार्वती की भी विशेष रूप से पूजा की जाती है।
श्रावण महीने में शिव जी की पूजा आराधना करने से अविवाहितों को मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। काल सर्प दोष, पितृ दोष को समाप्त करने के लिए भी इस महीने में भगवान् शिव शंकर की पूजा महत्वपूर्ण है। लोग भोलेनाथ को भांग, धतूरा और बेलपत्र इत्यादि चढ़ाते हैं क्यूंकि मान्यता है कि इन चीजों को चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। माना जाता है कि भगवान शिव अत्यंत भोले है और अपने भक्तों पर तुरंत प्रसन्न होकर उनकी इच्छा पूरी करते हैं। बता दें कि 25 जुलाई 2021 से शुरु होकर यह श्रावण महीना 22 अगस्त तक चलेगा।