साल का पहला सूर्य ग्रहण गुरुवार, 10 जून 2021 को लगने जा रहा है जिस दिन शनि जयंती भी है। बता दें कि 148 साल पहले ऐसा संयोग बना था। जून 10 को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारतीय पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को है। इस दिन शनि जयंती भी है जिसके चलते इस ग्रहण का महत्व ज्यादा है। इस दिन शनि जयंती के साथ साथ वट सावित्री भी है। इसलिए इस बार के सूर्य ग्रहण के कई मायने हैं। करीब 5 घंटे तक रहने वाला यह सूर्य ग्रहण भारतीय समय के अनुसार ग्रहण 10 जून की दोपहर 1 बजकर 43 मिनट पर शुरू होगा और शाम 6 बजकर 41 मिनट पर खत्म हो जायेगा। यह सूर्यग्रहण अमेरिका के उत्तरी भाग, उत्तरी कनाड़ा, उत्तरी यूरोप और एशिया, रूस, ग्रीनलैंड और उत्तरी अटलांटिक महासागर क्षेत्र में पूर्ण रूप से दिखाई देगा। लेकिन भारत में यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा जिसके चलते सूतक काल नहीं माना जायेगा और किसी तरह के कार्यों पर कोई पाबंदी भी नहीं होगी।
साश्त्रों के अनुसार हर साल ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को शनि जयंती का पर्व होता है। इस दिन शनि देव को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा अर्चना की जाती है। शनिदेव की कृपा से भक्त पर शनि की साढ़े साती और शनि की ढैय्या का असर कम हो जाता है। जिन पर शनि देव की कृपा होती है उनके पास कभी धन की कमी नहीं होती है। शनि देव की कृपा होने पर सभी प्रकार की मनोकामना पूरी होती है। साल के पहले सूर्य ग्रहण के दिन शनि जयंती भी है। भारत में सूतक काल मान्य नहीं होगा जिसके चलते शनि देव की पूजा अर्चना अच्छे से की जा सकती है। वैसे शनि का प्रभाव लोगों पर सकारात्मक और नकारात्मक रूप से अपना असर डाल सकता है। साश्त्रों के अनुसार शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है। कर्माे के अनुसार शनिदेव उसे फल देते हैं। मनुष्य द्वारा किया गया शुभ या अशुभ कार्य शनिदेव से कुछ नहीं छिपा होता है। सूर्यग्रहण के दिन शनि जयंती होेने से इसका सबसे ज्यादा असर वृषभ राशि पर होगा।